अब अक्सर ऐसा लगता है कि
चीजें थम सी गयी है
और सब कुछ जम सा गया है
जमे हुए पानी की तरह
डर है
कहीं काई न लग जाए
कहीं बदबू न पैदा हो जाए
अब
बारिश या फिर
पत्थर का इंतजार
एक निहायत ही जरुरी
हलचल के लिए
आक्सीजन के लिए
जिंदगी के लिए...
(21Aug2010)
चीजें थम सी गयी है
और सब कुछ जम सा गया है
जमे हुए पानी की तरह
डर है
कहीं काई न लग जाए
कहीं बदबू न पैदा हो जाए
अब
बारिश या फिर
पत्थर का इंतजार
एक निहायत ही जरुरी
हलचल के लिए
आक्सीजन के लिए
जिंदगी के लिए...
(21Aug2010)
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