सोमवार, 25 जून 2012

और मैं दुखी हूं...

दुख तब नही होता
जब कोई वजह होती है
आजकल हालत ऐसी है कि
दुखी होता हूं
क्योंकि कोई वजह नही होती...

कोई वजह होती
तो उनसे लड़ता
बोरियत तो मिटती
दिमाग काम कर रहा होता
लड़ने के तरीकों पर दिमाग में
विमर्श चल रहा होता

लेकिन
अभी
सन्नाटा पसरा है
दिमाग के धरातल पर
मानो सूखा पड़ा हो
और इस पर दरारें पड़ गयी हो
उग आयीं हों
और मैं दुखी हूं...

(22AUg2010)

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