लड़ाई हमेशा हथियारों से नही होती
हमेशा तीर-तलवार-तोप ही काम नही आते
दुश्मन हमेशा सामने नही होता
साथी कौन है , शत्रु कौन
पहचानने का सामर्थ्य जब चूकने लगता है
दिमाग के केमिकल्स जब कुराफात मचाने लगते है
लड़ाई बड़ी ही अजीबोगरीब हो जाती है साथियों
क्योंकि खुद से लड़ना आसान नही होता ।
(16May2012)
हमेशा तीर-तलवार-तोप ही काम नही आते
दुश्मन हमेशा सामने नही होता
साथी कौन है , शत्रु कौन
पहचानने का सामर्थ्य जब चूकने लगता है
दिमाग के केमिकल्स जब कुराफात मचाने लगते है
लड़ाई बड़ी ही अजीबोगरीब हो जाती है साथियों
क्योंकि खुद से लड़ना आसान नही होता ।
(16May2012)
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