उम्र बढ़ती है ,
बढ़ती जाती है
उम्र घटती है ,
घटती जाती है
कुछ कहते है बढ़
रही है
विपक्षी खेमे
वाले घटने का हो-हल्ला मचाते हैं
बढ़ने और घटने
के भ्रम के पीछे
उम्र का आंकड़ा
होना बड़ा सच है
उम्र आंकड़ा है
आधुनिक समय का
रिवाज
जो दर्ज होती
रहती है
जनगणना रिपोर्टों में
पोलियो, टिटनेस
,डिप्थिरिया
उम्र की
दुरुस्ती के लिए अस्पतालों में दी जाने वाली टीकों के समय
शादी, जमीन और
नौकरी के कागजातों में
भांति-भांति के प्रमाण पत्रों
में
लेकिन सबसे
महत्वपूर्ण है
उम्र का इतिहास
में दर्ज होना
और उसके पन्नों के पलटने
और हवाओं से उपजी उसकी खड़खड़ से निकलकर
और हवाओं से उपजी
सांय सांय करना
धमनियों में
प्रवाहित मंथर रक्त को गति देना
आंकड़े और इतिहास के बीच
उम्र की जद्दोजहद पहचान पाने की कबायद है
और होनी चाहिए ।
उम्र की जद्दोजहद पहचान पाने की कबायद है
और होनी चाहिए ।
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