हंसने का मतलब
हमेशा खुशी नही होती
हमेशा दर्द और
जख्म ही आंसू नही पैदा करते
कुछ हंसोड़ होते
हैं
बेसाख्ता हंसते
मिलते-पाए जाते है
बिना किसी वजह
के
आप उन्हें पागल
कह सकते हैं
और खैर खुशी के
आंसुओं के बारे में हमने सुना ही है
बिछड़े
रिश्तेदारों से मिल पाने की खुशी
बिछुड़े जमीन पर
फिर से पांव पड़ने का उल्लास
ट्रॉफी को जीतने
का उन्माद
आंसूओं के अविरल
प्रवाह में भी तब्दील होता है
कल जब क्लास में
शिक्षक महोदय को
पराजीनी इंसान की कल्पना करते सुना
कि हंसी का जीन दर्द
में भी हंसी पैदा करेगा
और दर्द और आंसू
का जीन खुशी में भी चेहरा गमगीन रहेगा
तो एकबारगी लगा
कि इसमें नया
क्या है ?
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